Mustard Oil Price सरसों तेल की कीमतों में उछाल: जानिए क्यों बढ़ रही हैं दाम और कितना होगा असर
Mustard Oil Price जानिए क्यों बढ़ रही हैं सरसों तेल और लहसुन की कीमतें और इसका त्योहारी सीजन में आपके रसोई बजट पर क्या असर हो सकता है।
त्योहारी सीजन में बढ़ेगा रसोई का खर्च, सरसों तेल और लहसुन की कीमतें आसमान पर
त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ ही सरसों का तेल और लहसुन की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। आने वाले दिनों में दिवाली और छठ पूजा के दौरान इन दोनों चीजों की मांग बढ़ने वाली है, जिससे आम लोगों के बजट पर असर पड़ सकता है।
सरसों तेल Mustard Oil Price की कीमत में उछाल क्यों?
देश के प्रमुख सरसों उत्पादक राज्यों जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में इस साल फसल कमजोर रही है। मौसम अनुकूल न होने के कारण सरसों का उत्पादन घटा है, जिससे तेल की आपूर्ति कम हुई और कीमतें बढ़ने लगीं।
मुजफ्फरपुर के गोला रोड के थोक विक्रेताओं का कहना है कि पिछले 15 दिनों में सरसों तेल की कीमतों में 12 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। अप्रैल महीने में सरसों तेल की कीमतें 115 से 122 रुपये प्रति लीटर थी, जो अब 130 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच चुकी हैं। अगस्त के अंत तक यह बढ़ोतरी और भी तेज हुई है, और यह संभावना है कि त्योहारी सीजन में यह और बढ़ेगी।
समयावधि | सरसों तेल की कीमत (प्रति लीटर) |
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अप्रैल 2024 | 115 – 122 रुपये |
जून – अगस्त 2024 | 118 – 130 रुपये |
वर्तमान (सितंबर 2024) | 130 रुपये और बढ़ने की संभावना |
लहसुन की कीमतों में भी उछाल
केवल सरसों तेल ही नहीं, लहसुन की कीमतें भी आसमान छू रही हैं। पिछले 20 दिनों में लहसुन के भाव में 50 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी देखी गई है। अगस्त में लहसुन का भाव 200-250 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो अब बढ़कर 300 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल फसल कमजोर रहने के कारण लहसुन की कीमतें और भी बढ़ सकती हैं। राज्य में कटनी और कानपुर से लहसुन की अधिक आवक होती है, लेकिन इस बार आवक कम होने के कारण कीमतों में वृद्धि हो रही है।
त्योहारी सीजन में बजट बिगड़ सकता है
दिवाली और छठ पूजा जैसे प्रमुख त्योहारों के दौरान सरसों तेल और लहसुन की मांग काफी अधिक होती है। पूजा के लिए दीप जलाने से लेकर स्वादिष्ट पकवान बनाने तक, इन त्योहारों में सरसों तेल का खास महत्व होता है। ऐसे में इनकी कीमतों में हो रही बढ़ोतरी लोगों के बजट पर बड़ा असर डाल सकती है।
विक्रेताओं का कहना है कि त्योहारी सीजन के दौरान मांग बढ़ने से कीमतों में और उछाल आने की संभावना है। इससे रसोई का बजट संभालना मुश्किल हो सकता है।
सरसों तेल की मांग क्यों होती है?
- स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद: सरसों का तेल स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन ई, और एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं, जो दिल के लिए अच्छे होते हैं।
- पकवान बनाने में इस्तेमाल: भारतीय रसोई में सरसों तेल का विशेष महत्व है। इससे सब्जी, अचार, और पकवानों का स्वाद बेहतरीन होता है।
समाधान और भविष्य की संभावनाएं
इस समय बढ़ती कीमतें लोगों की चिंता बढ़ा रही हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि नई फसल आने तक कीमतों में राहत मिलने की उम्मीद कम है। फिर भी, सरकार द्वारा आपूर्ति में सुधार के लिए कदम उठाए जा सकते हैं।
त्योहारी सीजन के दौरान सरसों तेल और लहसुन की कीमतों में बढ़ोतरी आम जनता के बजट को चुनौती दे सकती है। ऐसे में लोग जहां एक ओर त्योहारी उत्सवों का आनंद लेंगे, वहीं दूसरी ओर उन्हें अपने खर्चों को भी संतुलित करना होगा।